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विषय नं. 57 - श्री कृष्ण महापुरुष



अध्याय नं. 7 ,श्लोक नं. 19
श्लोक

बहूनां जन्मनामन्ते ज्ञानवान्मां प्रपद्यते ।
वासुदेवः सर्वमिति स महात्मा सुदुर्लभः ॥19॥

बहूनाम् जन्मनाम् अन्ते ज्ञान-वान माम प्रपद्यते । वासुदेवः सर्वम् इति सः महा-आत्मा सु-दुर्लभः ।।१९।।

शब्दार्थ

(इति) इस तरह (अन्ते) मृत्यु तक (सर्वम्) सारे कर्मों को (माम्) (केवल) मेरे (प्रपद्यते) सहारे पर करने वाले (वासुदेवः) कृष्ण (सः) के जैसे (बहूनाम्) बहुत सारे (जन्मनाम् ) जन्म लेने वाले (ज्ञानवान्) ज्ञानियों में (सुदुर्लभः) अत्यंत दुर्लभ है।

अनुवाद

इस तरह मृत्यु तक सारे कर्मों को (केवल) मेरे सहारे पर करने वाले कृष्ण के जैसे बहुत सारे जन्म लेने वाले ज्ञानियों में अत्यंत दुर्लभ है।