Home Chapters About



विषय नं. 22 - रूह का वर्णने



अध्याय नं. 2 ,श्लोक नं. 23
श्लोक

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः । न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।।23।।

न एनम् छिन्दन्ति शस्त्राणि न एनम् दहति पावकः । न च एनम् क्लेदयन्ति आपः न शोषयति मारुतः ।।२३।।

शब्दार्थ

( एनम् ) इस ( रुह ) का (न) न ( शस्त्राणि ) हथियार से (छिन्दन्ति) टुकड़े किये जा सकते हैं। (न) न ( एनम) इस रुह को (पावकः) अग्नि (दहति) जला सकती है (च) और (न) न (एनम् ) इस (रुह) को (आप) पानी (क्लेदयन्ति) गीला कर सकती है। (न) और न (इस रुह को) (मारुतः) वायु (शोषयति) सुखा सकती है।

अनुवाद

इस रुह के न शस्त्र से टुकड़े किये जा सकते हैं। न इस रुह को अग्नि जला सकती है, और न इस (रुह) को पानी गीला कर सकती है। और न (इस रुह को) वायु सुखा सकती है।