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अध्याय 1 ,श्लोक 24



श्लोक

एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत। सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम् ॥24॥

अर्जुन उवाच, एवम् उक्तः हृषीकेशः गुडाकेशन
भारत ।
सेनयोः उभयोः मध्ये स्थापयित्वा रथ उत्तमम् ।।२४।।

शब्दार्थ

संजय ने कहा, ( भारत ) हे भरतवंशी राजन् (धृतराष्ट्र ) ( एवम् ) इस प्रकार (गुडाकेशन ) अर्जुन के ( उक्त ) कहने पर (हृषीकेशः) श्री कृष्ण (ने) (उभयोः) दोनों (सेनयोः) सेनाओं (के) ( मध्ये) मध्य भाग (में) ( रथ उतमम् ) श्रेष्ठ रथ को (स्थापयित्वा) खड़ा करके।

अनुवाद

संजय ने कहा, हे भरतवंशी राजन् (धृतराष्ट्र) ! इस प्रकार अर्जुन के कहने पर श्री कृष्ण (ने) दोनों सेनाओं (के) मध्य भाग (में) ( श्रेष्ठ रथ को) खड़ा करके।