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अध्याय 1 ,श्लोक 4



श्लोक

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि । युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः ॥4॥

अत्र शूराः महेष्वासाः भीमार्जुन समाः युधि । युयुधानः विराटः च द्रुपदः च महारथः ।। ४ ।।

शब्दार्थ

यहाँ पाण्डवों की सेना (में) ( युयुधान) युयुधान (विराट ) राजा विराट (शूरा) जैसे शूरवीर (च) और ( द्रुपद ) द्रुपद जैसे (महारथ ) महारथी ( महा- इषु- आसा) बड़े बाणों और धनुषो वाले (भीमार्जुनसमा ) भीम और अर्जुन के (समाः) समान है।

अनुवाद

( उनकी सेना में) धृष्टकेतु, चेकितान, तथा वीर्यवान पराक्रमी काशिराज, और कुन्तिभोज, तथा मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य (भी हैं)