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अध्याय 1 ,श्लोक 5



श्लोक

धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान् । पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङवः ।।5।।

धृष्टकेतु चेकितानः काशिराजः च वीर्यवान् । पुरुजित् कुन्तिभोजः च शैब्य च नरपङ्गवः ।। ५ ।।

शब्दार्थ

(धृष्टकेतु ) ( उनकी सेना में) धृष्टकेतु (चेकितान ) चेकितान (च) तथा (वीर्यवान) पराक्रमी ( काशिराज) काशिराज (च) और ( कुन्तिभोज :) कुन्तिभोज ( च ) तथा (नरपुडवे) मनुष्यों में श्रेष्ठ (शैब्य ) (भी हैं)

अनुवाद

( उनकी सेना में) धृष्टकेतु, चेकितान, तथा वीर्यवान पराक्रमी काशिराज, और कुन्तिभोज, तथा मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य (भी हैं)