Home Chapters About



अध्याय 10 ,श्लोक 26



श्लोक

अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां देवर्षीणां च नारदः।
गन्धर्वाणां चित्ररथः सिद्धानां कपिलो मुनिः ॥26॥

अश्वत्थः सर्व-वृक्षाणाम् देव-ऋषीणाम् च नारदः ।
गन्धर्वाणाम् चित्ररथः सिद्धानाम् कपिलः मुनि ।।२६।।

शब्दार्थ

(सर्व) सारे (वृक्षाणाम्) वृक्षों में (अश्वत्थः) पीपल का वृक्ष हूँ। (देव) (ऋषिणाम्) देव ऋषियों में (नारद ) नारद मुनी हूँ (च) और (गन्धर्वाणाम्) गन्धर्व में (चित्ररथ:) चित्ररथ: हूँ। (सिद्धानाम्) सिद्धि प्राप्त करने वाले मुनियों में (कपिल:) कपिल (मुनि:) हूँ।

अनुवाद

सारे वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूँ। देव-ऋषियों में नारद मुनि हूँ। और गन्धर्व में चित्ररथ हूँ। सिद्धि प्राप्त करने वाले मुनियों में कपिल हूँ।