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अध्याय 11 ,श्लोक 15



श्लोक

अर्जुन उवाच
पश्यामि देवांस्तव देव देहे सर्वांस्तथा भूतविशेषसङ्घान् । ब्रह्माणमीशं कमलासनस्थमृषींश्च सर्वानुरगांश्च दिव्यान् ॥15॥

पश्यानि देवान् तव देव देहे सर्वान् तथा भूत
विशेष-सड़ घान् । ब्रह्माणम् ईशम् कमल-आसन-स्थम् ऋषीन् च सर्वान् उरगान् च दिव्याम् ।। १५ ।।

शब्दार्थ

(अर्जुन उवाच) अर्जुन ने कहा (देव) हे ईश्वर (तव) आपके (देहे) तेज में (सर्वांन) (मैं) सारे (देवान) देवताओं को (तथा) और (भुत) प्राणियों को (विशेष) खास तौर से (ब्रह्माणम्) ब्रह्माजी (और) (ईशम्) शंकरजी (को) (सघान) एक साथ (कमल-आसन स्थम्) कमल के फूल पर बैठे (पश्यानि) देख रहा हूँ (च) और (सर्वम्) सभी (ऋषीन्) ऋषियों को (च) और (दिव्याम्) दिव्य (उरगान्) सांपो को (भी देख रहा हूँ)

अनुवाद

अर्जुन ने कहा, हे ईश्वर, आपके तेज में (मैं) सारे देवताओं को और प्राणियों को और विशेष रुप से ब्रह्माजी (और) शंकरजी (को) एक साथ कमल के फूल पर बैठे देख रहा हूँ। और सभी ऋषियों को, और दिव्य सांपों को भी देख रहा हूँ।

नोट

पैगंबर मुहम्मद साहब (स.) जब धरती से स्वर्ग की यात्रा के लिए गए थे तो उन्होंने भी स्वर्ग में पैगंबर इब्राहीम और पैगंबर आदम को देखा था। अथर्वा वेद ( पुरुषमेधा-१०-२-२६) में पैगंबर इब्राहीम को ब्रह्मा कहा है (ब्रह्मा यह एक पद है)। और शंकरजी और पैगंबर आदम में बहुत समानताएं है जो आप youtube पर इस लिंक पर देख लीजिए। (https://youtu.be/ff-J4R-Hkwy) (Similarity between Shankarji & prophet Adam)