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अध्याय 3 ,श्लोक 42



श्लोक

इन्द्रियाणि पराण्याहुरिन्द्रियेभ्यः परं मनः । मनसस्तु परा बुद्धिर्यो बुद्धेः परतस्तु सः ॥42॥

इन्द्रियाणि पराणि आहुः इन्द्रियेभ्यः परम् मनः । मनसः तु परा बुद्धिः यः बुद्धेः परतः तु सः ।।४२।।

शब्दार्थ

(इन्द्रियाणि) इन्द्रियों को (इच्छाओं को) (पराणि) श्रेष्ठ (आहुः) कहा जाता है। (मनः) मनः (इन्द्रियेभ्यः) इन्द्रियों से (इच्छाओं से) (परम्) श्रेष्ठ है। (तु) किन्तु (बुद्धिः) बुद्धि (मनसः) मन से (भी) (परा) श्रेष्ठ (है) (तु) परंतु (सः) वह (ईश्वर) (यःबुद्धेः) इस बुद्धि ( परतः) से भी महान है।

अनुवाद

इन्द्रियों को (इच्छाओं को) श्रेष्ठ कहा जाता है। मन, इन्द्रियों से (इच्छाओं से) श्रेष्ठ है। किन्तु बुद्धि, मन से (भी) श्रेष्ठ (है)। परंतु वह (ईश्वर) इस बुद्धि से भी महान है।