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Authenticity Of Translations

प्रस्तावना

प्रो. हेमंत दत्तात्रेय खैरनार जी ने यह प्रस्तावना डॉ. साजिद सिद्दीकी साहब जी के भगवद् गीता के अनुवाद के लिए लिखा था। आप की जानकारी के लिए हम उसे यहाँ कॉपी कर रहे है।

प्रो. हेमंत दत्तात्रेय खैरनार
एम.ए. संस्कृत तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, बी.एड. संस्कृत - अंग्रेजी कवि कुलगुरु कालिदास विश्वविद्यालय रामटेक, नागपुर. एम.एड. संस्कृत मुंबई विश्वविद्यालय वेद विषय के लिए विश्वविद्यालय में प्रथम क्रमांक (गोल्ड मेडल) प्राप्त करने वाले.

“'श्रीमद्भगवदगीता' मानव संस्कृति का एक अनमोल उपहार है। गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि यह मानव जीवन को सही मार्ग दिखाने वाला पवित्र ग्रंथ भी है। मानव जीवन की सारी समस्याओं का हल इस किताब में मौजूद है। श्री पांडुरंगशास्त्री आठवले जो स्वाध्याय संस्था के विश्वस्थापक हैं, वह कहते हैं कि.
"Geeta is not only Bibles of Hindusim,
but geeta is a Bible of Humanity."
"गीता केवल हिंदुत्व की बाईबल नहीं है बल्कि गीता सारी मानव जाति की बाईबल है।”

जीवन के प्रयास में मनुष्य किस प्रकार का बर्ताव करे यह बतलाते हुए मानव जीवन के श्रेष्ठ उद्देश्यों को गीता दर्शाता है। पुरुषोत्तम योग, भक्तियोग, स्थितप्रज्ञदर्शन, कर्म, मीमांसा, इन विषयों पर विस्तार से बहस पवित्र ग्रंथ गीता में है। यानी मानव जीवन के उत्तम विकास के मार्ग को दर्शाता है।

आदरणीय डॉ. साजिद सिद्दीकी साहब ने गीता का अध्ययन करके मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ क़ुरआन शरीफ के धार्मिक दृष्टिकोण को एक दूसरे के समान करने का जो प्रयास किया है, उसकी प्रशंसा को शब्दों में बयान करना बहुत कठिन है।

ईश्वर एक ही है और हम सब उसी एक ईश्वर की संतान हैं। इस भावना को दर्शाने के लिए आदरणीय साजिद सिद्दीकी साहब द्वारा लिखे संस्कृत भाग को जांचने का सौभाग्य मुझे मिला, मैं अपने आप को धन्य समझता हूँ।

श्री. डॉ. साजिद सिद्दीकी साहब की किताब का अध्ययन करने के बाद हिन्दू व मुस्लिम समाज में एकता का वातावरण निर्माण करने में जरुर मदद मिलेगी। ईश्वर उनके इस प्रयास को सफल करे, यही मेरी शुभकामनाएँ हैं।

-प्रो. हेमंत दत्तात्रेय खैरनार
(संस्कार संस्कृत क्लासेस, मालेगाँव कैम्प)