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N-9.1 श्लोक नं. २.१२ और ४.५ का अर्थ क्या है?

श्लोक नं. २.१२ और ४.५ इस प्रकार है।

• न तु एव अहम् जातु न आसम् न त्वम् न इसे जन अधिपाः ।
न च एव न भविष्यामः सर्वे वयम् अतः परम् ।।२.१२।।


(ऐसा कोई) काल न था जब मैं ( धर्म का उपदेश देने वाला) ना रहा हूँ, और ऐसा कोई काल न था जब तुम (जैसे धर्म स्थापना करने वाले न रहे हो), और कोई ऐसा काल न था जब मानवजाति पर अत्याचार करने वाले यह राजा लोग ना थे और इसके आगे भविष्य काल में भी ऐसा कोई युग ना होगा जब हम सब न रहेंगे।

• बहूनि मेव्यतीतानि जन्मानि तव च अर्जुन।
तानि अहम् वेद सर्वाणि त्वम् वेत्थ परन्तप ।।४.५।।


ईश्वर ने कहा, हे अर्जुन! मैं और तुम इस धरती पर बहुत बार संसार के सम्मुख आ चुके हैं मैं उन सबको जानता हूँ। किन्तु तुम उन सबको नही जानते।

पवित्र वेदों में पुर्नजन्म की शिक्षा नहीं है । पुनः का अर्थ है दोबारा या फिर से। और प्रलय के दिन यह कैसे होगा इसका वर्णन श्लोक नं. १५.८, १५.९, १५.१० और १५.११ में है।

निम्नलिखित वर्णन से हम यह समझ सकते हैं कि २.१२ और ४.५ में पुर्नजन्म की शिक्षा नहीं है।

• महाभारत के युग में दुर्योधन राजकुमार था। उसके कर्म ऐसे न थे कि हर जन्म में उसे बार बार राजकुमार का जीवन मिले। पुर्नजन्म के सिद्धान्त के अनुसार पापियों को अगले जन्म में कीड़े मकोड़े या जानवर का जीवन मिलता है।
तो हर युग में दुर्योधन राजकुमार बनकर युद्ध सकता।

• वेद व्यास जी ने लिखा है कि महाभारत के अन्त में सभी पांडव भाईयों को स्वर्ग प्राप्त हुआ था। भगवद् गीता में लिखा है कि एक बार स्वर्ग प्राप्त होने के बाद दोबारा फिर कोई धरती पर नही आता । तो अर्जुन हर युग में धरती पर युद्ध करने क्यों आएंगे।

• श्लोक नं. ४.६ और ४.९ में ईश्वर ने कहा कि मैं अजन्मा हूँ। अर्थात मैं, जन्म नहीं लेता। तो हर युग में ईश्वर भी जन्म नहीं लेंगे।

• श्लोक नं. २.१२ और ४.५ का अर्थ है कि, हर युग में श्री कृष्ण जैसे मानवता की रक्षा करने वाले महापुरुष होंगे। हर युग में अर्जुन की तरह महापुरुषों के साथ अन्याय के विरुद्ध लड़ने वाले योद्धा होंगे।

और हर युग में दुर्योधन की तरह सत्ता पर कब्जा करके साधारण मनुष्यों का शोषण करने वाले और अत्याचार करने वाले लोग होंगे और हर युग में इनका संघर्ष होगा और जैसे अर्जुन कम सेना के पश्चात भी विजयी हुए। इसी प्रकार हर युग में सत्य के लिए और धर्म की स्थापना के लिए युद्ध करने वाले कम संख्या में होने के पश्चात भी विजयी होंगे।