N-1.2 जन्म और मृत्यु ईश्वर के लिए क्यो नहीं?
आईनस्टाईन का दूसरा सिद्धांत (Law of Relativity) कहता है कि, जब किसी वस्तु की गति प्रकाश से ज्यादा बढ़ती है, अर्थात ३,००,००० किमी / सेकंड से ज्यादा बढ़ती है तब उस वस्तु के लिए समय की गति धीरे होने लगती है और असीमित (Infinite) गति पर उसके लिए समय रुक जाता है। इस बात को अच्छी तरह से समझने के लिए हम एक अंतरिक्षयान और उसके अंदर लगी एक दीवार घड़ी के उदाहरण पर विचार करते हैं। मान लो एक अंतरिक्ष यान प्रकाश की गति से अधिक गति में यात्रा करने की क्षमता रखता है और उसके केबिन की दीवार पर एक घड़ी लगी हुई है।
जब अंतरिक्षयान प्रकाश की गति की अपेक्षा कम गति में यात्रा करता है, तो दीवार घड़ी अपनी नियमित गति से कार्य करेगी। जैसे ही अंतरिक्ष यान की गति प्रकाश की गति को पार करती है, दीवार घड़ी धीमी होनी शुरु हो जाती है। जैसे जैसे अंतरिक्ष यान की गति बढ़ेगी, घड़ी और धीमी होती जाएगी।
जब यान की गति अनंत (Infinite speed) हो जाएगी तो घड़ी बिल्कुल रुक जाएगी। यान में समय रुक जाऐगा। उस यान में कोई बूढ़ा नहीं होगा और ना ही कोई चीज़ पुरानी होगी। क्योंकि उस यान में समय रुका हुआ है।
प्रारंभ में यह समझा जाता था कि प्रकाश में
केवल सात रंगों की किरणें हैं। फिर यह खोज की गई कि दूसरे प्रकार की किरणें भी है, उदाहरण के लिए Infrared and Ultra violet किरणें। फिर दूसरे प्रकार की किरणों की खोज़ की गई, जैसे एक्स-रे और रेडिओ एक्टिव तत्वों का रेडियेशन | खोज़ की प्रक्रिया अभी समाप्त नहीं हुई है और अभी भी अनेक प्रकार की किरणों और लहरों की खोज़ करनी बाकी है। उनमें से कुछ को हम सामान्य रूप से जानते हैं; जैसे आँखों की दृष्टि तथा विचार शक्ति दोनों की गति प्रकाश की गति से भी अधिक है।
• पवित्र कुरआन की एक आयत इस प्रकार हैं, निगाहें (दृष्टी) उस ईश्वर को नहीं पा सकती (देख सकती ) किन्तु वह निगाहों को पा लेता है। (वह जानता है कि आपकी दृष्टि किस ओर और कहाँ जा रही है) वह अत्यन्त सूक्ष्म ( एवं सूक्ष्मदर्शी), खबर रखने वाला है। (सूरह-अल-अनआम, ६ आयत १०३)
• आप रास्ते से चल रहे हो और एक साइकिल सवार आपके पास से गुजर जाए तो क्या आप उसको देखकर उसकी गति का अनुमान लगा सकते हो ?
निस्संदेह, लगा सकते है।
यदि आपके पास से तेज़ रफ्तार मोटरकार गुज़र जाए तो क्या आप उसकी गति का अनुमान लगा सकते हो ?
नि:संदेह, लगा सकते हैं।
यदि एक बन्दुक की गोली आप के पास से गुज़र जाए तो क्या आप उसकी भी गति का अनुमान लगा सकते हो ?
नहीं!
क्योंकि आपके गति और गोली की गति में बहुत अन्तर है। अगर आप किसी ऐसे वाहन पर सवार हो जो बन्दुक की गोली की गति से चलती हो तो फिर आप गोली की गति का भी अनुमान लगा सकते हो।
आकाश में जो तारे नजर आते हैं यह कई अरब प्रकाश वर्ष (light year) दूर हैं। और हमारी नज़र उन तक एक सेकंड से कम समय में पहुँचती है, और ईश्वर हमारी नज़रों को उन तारों तक जाते हुए देखता है। यह तब ही सम्भव है जब ईश्वर के प्रकाश की गति हमारे नज़रों की गति के समान हो या अधिक हो। और निस्संदेह ईश्वर के प्रकाश की गति हमारे नज़रों की गति से अधिक और अनन्त है और इस कारण समय ईश्वर के लिए रुका हुआ अमर है।
ईश्वर अजन्मा और Theory of relativity को समझने के लिए निम्नलिखित युट्युब वीडियो देखिए । यह १२ मिनीट का वीडियो हैं। वीडियो का टाईटल है Does time realty exist? Time travel through speed and gravity explained.
१४०० करोड वर्ष पूर्व न समय था न अंतरिक्ष और न पदार्थ था | ईश्वर ने तथास्तु या कुन कह कर इन तीनो का निर्माण किया। इन तीनों के निर्माण के समय ईश्वर इन तीनो के अंदर नहीं था। इस कारण वह तीनो के निर्माण के बाद भी इन तीनो में नहीं है।
अर्थात न ईश्वर पदार्थ से बना है न वोह अंतरिक्ष में और न किसी स्थान पर उपस्थित है और न समय उस के लिए है।
जब समय ईश्वर के लिए नही है तो आरंभ और अंत भी ईश्वर के लिए नही है।
( ईश्वर का तेज सारे ब्रहमाण में है, सभी उस के तेज से जीवित है, उस क नियंत्रण सब पर है किन्तु वह इस ब्रहमाण से परे है।)
Link :https://youtu.be/hA2RVSb-Kdm.